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कॉविड से ज्यादा खतरनाक वायरस भारत में आ चुका है: निपाह वायरस (Nipah Virus)

22 Jul 2024 2k+ Views
कॉविड से ज्यादा खतरनाक वायरस भारत में आ चुका है: निपाह वायरस (Nipah Virus)

दोस्तों आज हम बात करेंगे निपाह वायरस की जो आजकल चर्चा का विषय भी बना हुआ है| यह वायरस भारत के केरल राज्य में फैल रहा है इसका एक केस कंफर्म हो गया है जो की 14 साल का बच्चा है| शायद आपको याद होगा साल 2018 में केरल में ही जब इसका आउटब्रेक हुआ था तो उस समय काफी लोगों की म्रत्यु हुई थी| अगर हम बात करें की निपाह वायरस किस तरह का वायरस है तो दोस्तों यह एक हेन्द्रा (Hendra) वायरस है| हेन्द्रा वायरस काफी ज्यादा जानलेवा होता है और इसका ट्रांसमिशन बहुत तेजी से होता है| यह जूनोटिक (Zoonotic) वायरस समय-समय पर चमगादड़ों से मनुष्यों सहित अन्य स्तनधारियों में फैल गया है, जिसके विनाशकारी परिणाम हुए हैं। यह सबसे पहले वर्ष 1998 में मलेशिया में पहचाना गया, उसके बाद बांग्लादेश, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य हिस्सों में इसके प्रकोप ने गंभीर बीमारी और मृत्यु दर पैदा करने की इसकी क्षमता को दिखाया है| 


“निपाह” मलेशिया में एक जगह का नाम है जहां पर यह पहली बार डिटेक्ट हुआ था| बीते कुछ समय में जिस तरह से जानवरों को पालने का प्रचलन बढ़ा है जिसकी वजह से जानवरों में पाए जाने वाले वायरस भी इंसानों में फैल रहे हैं| केरल मैं जिस तरह 14 साल का बच्चा इस वायरस से संक्रमित पाया गया है बेहद ही चिंता का विषय है| केरल में तो समझ ही नहीं आ रहा है कि वहां हो क्या रहा है अभी बीते कुछ समय पहले ब्रेन ईटिंग अमीबा की वजह से कुछ लोगों की जान चली गई|

साइन एंड सिंप्टम्स (SIGN & SYMPTOMS):  आमतौर पर संक्रमण के 3 से 14 दिनों के भीतर लक्षण दिखाई देते हैं और इसमें बुखार, सिरदर्द, चक्कर आना और कुछ मामलों में श्वसन संबंधी लक्षण शामिल हैं, जो गंभीर मामलों में कोमा और तंत्रिका संबंधी लक्षणों में बदल जाते हैं। मृत्यु दर 75% तक हो सकती है, जिससे यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय बन जाता है। निपाह वायरस से  संक्रमण के लक्षण:
• फीवर 
• सिर दर्द 
• वोमिटिंग 
• मसल्स पेन 
• कफ 
• सोर थ्रोट 
• डिफिकल्ट ब्रीदिंग

यह वायरस बहुत हद तक बाकी अन्य वायरस के जैसे ही सिम्टम्स देता है परंतु खतरनाक लेवल पर| इसके बहुत से सिम्टम्स तो कॉविड से मेल खाते हैं परंतु यह कोविद से बहुत ज्यादा घातक है| जैसे कॉविड में तो स्मेल और टेस्ट जाने पर हमें अंदाजा हो जाता था कि हम कॉविड पॉजिटिव हो गए हैं परंतु इसमें ऐसा कुछ नहीं होता है| यह आपके लंग्स को अफेक्ट करता है और इसमें कॉविड से ज्यादा तेज फीवर आता है| यह ज्यादा घातक इसलिए भी माना गया है क्योंकि अभी तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है|

डायग्नोसिस (Diagnosis): किन-किन जांचों से निपाह संक्रमण का पता लगाया जा सकता है
RT-PCR 
• थ्रोट एंड नसल स्वप्स 
• ब्लड  
• यूरिन 
Later Stage 
• ELISA
 

ट्रीटमेंट: निपाह वायरस संक्रमण का निदान इसके गैर-विशिष्ट प्रारंभिक लक्षणों और विशेष प्रयोगशाला परीक्षण की आवश्यकता के कारण चुनौतीपूर्ण है। वर्तमान में निपाह वायरस के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है, प्रबंधन मुख्य रूप से आगे के संचरण को रोकने के लिए सहायक देखभाल और संक्रमण नियंत्रण उपायों पर ध्यान केंद्रित करता है।

निपाह वायरस पशु और मानव स्वास्थ्य के चौराहे पर एक सतत चुनौती का प्रतिनिधित्व करता है। गंभीर बीमारी के प्रकोप का कारण बनने की इसकी क्षमता उभरते संक्रामक रोगों को रोकने और नियंत्रित करने के लिए चल रही सतर्कता, अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व को रेखांकित करती है। जैसे-जैसे वायरस के बारे में हमारी समझ विकसित होती है, वैसे-वैसे इसी तरह के खतरों के खिलाफ वैश्विक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए हमारी रणनीति भी विकसित होनी चाहिए। जबकि विश्व उभरती संक्रामक बीमारियों की जटिलताओं से जूझ रहा है, निपाह वायरस के प्रकोप से मिली सीख वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयारी, त्वरित प्रतिक्रिया और एकजुटता की आवश्यकता की स्पष्ट याद दिलाती है।